मुल्ताई:(सैय्यद हमीद अली)
नगर के सबसे बड़े ताप्ती वार्ड में अव्यवस्थाओं का अंबार लगा हुआ है? जिसे अपनी खुली आंखों से स्वयं देखा जा सकता है। ना सड़के, ना ही नालियां बड़े ही अव्यवस्था का आलम है? जब इस अव्यवस्था के बारे में ताप्ती वार्ड की महिला पार्षद ,श्रीमती निर्मला उबनारे से पूछा गया तो ,उन्होंने बताया कि, जनता हमारे पास शिकायत लेकर आती है, और हम उस शिकायत को जनहित में, अधिकारियों को बताते हैं, परंतु अधिकारी हमारी एक भी बात नहीं सुनते, नाही हमारा फोन कॉल उठाते हैं। ऐसे में हम भी क्या करें, समझ से परे हैं। वार्ड में सीमेंट कांक्रीट सड़के पूर्व में बनाई गई थी,परंतु पेयजल की पाइपलाइन बिछाने के लिए सड़कों को, खोद दिया गया था। जिससे सड़के ,पूरी तरह से जर्जर हो गई है। वार्ड में गंदे पानी के निस्तार के लिए नालियां नहीं है, जिससे कि निस्तर का गंदा पानी, सड़कों पर ही बहता है, जिससे जगह-जगह पर गंदे पानी के डोबरे थमे हुए हैं। नलों में गंदा पानी आता है ?
क्योंकि नाली के अंदर से पीने की पाइप लाइन डाली गई है। ऊपर से लोगों ने नाली पर भी अतिक्रमण कर लिया है। गंदगी के कारण वह गंदगी पेयजल की पाइप लाइन में जाने से नलों में गंदा पानी आता है। सफाई कर्मचारी सफाई करने पर मजबूर है,क्योंकि निस्तर की गंदी नालियों पर लोगों ने चलने के लिए सीढ़ियां बनाकर, भेजा अतिक्रमण किया हुआ है।
वर्तमान में तीन मांह पूर्व, बनाने के उद्देश्य से खोदी गई नाली, जस की तस पड़ी हुई है। खुली पड़ी इस नाली में हादसे होने की भारी आशंका है । उसके बाद भी नगर पालिका के अधिकारी किसी बात पर ध्यान देने में असमर्थ है। नाही फोन उठाते हैं। हालांकि नगर पालिका में इंजीनियर इसीलिए होता है कि, वह तकनीकी आधार पर सर्वे कर, नाली कैसी और कहां से बनेगी,, पाइपलाइन कैसी और कहां से डलेगी,, इस तरह के कार्यों को चिन्हित करता है, उसके बाद वैज्ञानिक तरीके से निर्माण कार्य किए जाते हैं। परंतु यहां पर तो सब राम भरोसे ही चल रहा है। वार्ड वासी सड़क,, नालिया,,पेयजल व्यवस्था,,आदि जीवन की मूलभूत सुविधाओं से वंचित है।
*इनका कहना है*
वर्तमान में 3 महीने पूर्व में निर्माण के लिए खुदवाई गई नाली, आधी अधूरी पड़ी है । जिसमें की हादसा से होने का भय बना हुआ है। साथ ही पीने के पानी में गंदगी आ रही है, जिसके लिए नगर पालिका परिषद के अधिकारियों को फोन लगाने पर अधिकारी फोन नहीं उठाते हैं। जनता मुझसे शिकायत करती है और मैं अधिकारियों को बताती हूं परंतु अधिकारी नहीं सुनते ऐसे में क्या किया जा सकता है?