सिविल अस्पताल आमला में हुई धांधली की जांच कराने बावत एस डी एम को पत्र सौंपा

सिविल अस्पताल का भ्रष्टाचार उजागर न हो पाए इसलिए सी सी टी वी कैमरे आज तक नही लगवा पाए 

(दिलीप चौकीकर संवाददाता आमला)

सिविल अस्पताल आमला में पदस्थ बी एम ओ डॉ अशोक नरवरे की कार्यप्रणाली हमेशा से ही संदिग्ध रही है।हमेशा से ही अपने भ्रष्ट आचरण से सिविल अस्पताल आमला को बदहाल की स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है।दिन प्रतिदिन डॉ नरवरे के भ्रष्टाचार के खुलासे हो रहे है।

गैरतलब हो की वर्ष 2015 – 2016 में सिविल अस्पताल आमला में ब्लाक मेडिकल आफिसर डॉ रजनीश शर्मा द्वारा 16 सी.सी.टी.वी. कैमरे लगावाये गये थे और बैतूल सी.एम.एच.ओ. द्वारा 16 सी.सी.टी.वी. कैमरे भेजे गये थे ऑनरिकार्ड में कुल 32 कैमरे थे लेकिन सिविल अस्पताल आमला का भ्रष्टाचार उजागर न हो इसके चलते उक्त सभी सी सी टी वी कैमरे को गायब कर दिया गया।इसकी जांच की जाये। जो कि अभी अस्पताल में नहीं है। एवं एल.ई.डी. भी लगवाये गये थे जो अभी नहीं है।वर्ष अप्रैल 2021 से जनवरी 2024 तक की अवधि में सिविल अस्पताल आमला में पदस्थ दंत चिकित्सक डॉ. शेख फराज ने कितने दिनों तक सिविल अस्पताल में कितने दिन काम किया सेवाएं दी उनकी उपस्थिति पंजी की एवं वेतन भूगतान की जांच करने की कृपा करें।डॉ. शेख फराज अपने कार्य अवधि में प्रतिदिन मरीज का इलाज किया गया एवं उनके द्वारा देखी गई ओ.पी.डी. की जांच की जाये।

ये थी भ्रष्ट बी एम ओ डॉ नरवरे के भ्रष्टाचार की दूसरी किश्त।

अगले अंक में पढ़िए जीजा साली का अस्पताल के कार्यों में भ्रष्टाचार का पूरा कच्चा चिट्ठा।

Satish Naik

Editor in Chief

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