8 लाख रुपये की लागत का रपटे का घटिया निर्माण,कार्य वर्षो से अधर मे

ग्राम पंचायत तरोड़ाकला का मामला, शिकायत के बाद भी अधिकारी नहीं कर रहे कार्रवाई

(दिलीप चौकीकर संवाददाता आमला)

 आमला। ग्राम पंचायत तरोड़ाकला द्वारा गांव में वर्ष 2020-21 मे रपटे का निर्माण कराया गया था जिसका कार्य अभी भी अधर मे लटका हुआ है। 8 लाख रुपये की लागत से बन रहे रपटे का निर्माण कार्य ग्राम पंचायत द्वारा बहुत ही घटिया तरीके से कराया गया है जिससे रपटा जर्जर स्थिति मे है ग्रामीणों ने इसकी शिकायत जिम्मेदार अधिकारियों से भी थी लेकिन आज तक कोई जांच व कार्यवाही नही हुई ग्राम पंचायत तरोड़ाकला द्वारा गांव में रपटे का निर्माण कार्य भी पूर्ण नही किया है जबकि घटिया रपटे निर्माण का मूल्यांकन भी करवा लिया।

पंचायत के कचरभोह गांव से पस्तली ग्राम की ओर खनीज मद की राशि के तहत दोनो ग्रामो की आवाजही के लिए रपटा स्वीकृत किया गया था, रपटे का निर्माण कार्य कराने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत को दी गई थी, लेकिन ग्राम पंचायत के सरपंच,सचिव द्वारा रपटे का निर्माण घटिया सामग्री से कराया गया । इस रपटे की चौड़ाई और लम्बाई भी कम है।

 

ग्रामीणों ने बताया रपटा निर्माण में सचिव द्वारा रेत की जगह पास के तालाब से मिट्टी वाली खड़ निकालकर लगाई गई । चुनाई में 1-20 का मसाला इस्तेमाल किया गया है। खास बात यह है कि, बिना नीव की पर्याप्त अनुरूप खोदे ही दोनों तरफ दीवार की चुनाई करा गई । जिससे आप अनुमान लगा सकते हैं कि, यह रपटा कितने दिन चलेगा। जिस तरह से रपटे का निर्माण हुआ है उसी हिसाब से रपटा जर्जर स्थिति मे पहुंच गया।

 

वर्षो से अधर मे रपटा निर्माण

 

गौरतलब है की खनीज मद से बनाए गये रपटे का कार्य दो से तिन वर्ष बीतने पर भी पूर्ण नही कराया गया दोनो ओर वाल मे मुरुम ठोस खनीज का भराव कार्य आज तक नही करवाया गया जिससे ग्रामीण आवाजाही नही कर पा रहे है ग्रामीण संतोष ,कमलेश ने बताया रपटे का कार्य पूर्व सचिव शिवनरायण यादव द्वारा घटिया समग्रियों से करवाया गया इस रपटे की वाल मे बोल्डर पत्थर भरे गये अगर अधिकारी जांच करे तो स्थिति साफ हो सकती है।

 

घटिया रपटे कार्य का हुआ मूल्यांकन

 

वही ग्राम पंचायत द्वारा बनाए गये रपटे का मूल्यांकन भी तत्कालीन सचिव सरपंच द्वारा करवा लिया गया और बिल लगाकर राशि भी निकाल ली गई पंचायत के वर्तमान सब इंजीनियर गजेंद्र कवड़े ने बताया यह रपटा उनके सेक्टर का प्रभार लेने के पूर्व का है और इस रपटे का मूल्यांकन पूर्व उपयंत्री ए ई द्वारा किया जा चुका है।

Satish Naik

Editor in Chief

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