एल.पी.जी. गैस किट से संचालित पाये जाने पर एक वाहन जप्त
(सतीश कुमार नाईक एडिटर इन चीफ बैतूल अबतक)
अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी श्री मनोज तेहनगुरिया ने बताया कि शुक्रवार को प्रातः 8:40 बजे निर्मला पब्लिक स्कूल छिंदवाड़ा के सामने स्कूली वाहनों की औचक। चैकिंग की गई। इस दौरान वाहन क्रमांक एम.एच. 40 बी.जे. 0090 (सफेद रंग की मारूति ओमनी) जिसके द्वारा निर्मला पब्लिक स्कूल के बच्चों को लाने-ले-जाने का कार्य किया जा रहा था, उसे रोककर चेक किया गया। वाहन को वाहन स्वामी श्री आशीष चरपे आत्मज श्री नामदेव चरपे स्वयं चला रहे थे। जब वाहन चालक से कागजात मांगे गये तो उन्होंने कोई भी दस्तावेज मौके पर प्रस्तुत नहीं किये। वाहन के पश्च भाग की डिक्की के गेट को खोलकर देखा गया तो वाहन में एल.पी.जी. गैस किट लगी हुई थी जिसके ऊपर बच्चों को बैठाने के लिये सीट लगाई गई थी। एल.पी.जी. गैस किट से गैस रिसाव की बदबू भी आ रही थी, जिससे यह स्पष्ट था कि वाहन को एल.पी.जी. गैस से चलाया जा रहा था। इस वाहन द्वारा मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 39 का उल्लंघन करने पर वाहन को मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 207 के अंतर्गत जप्त कर कार्यालय अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी छिंदवाड़ा के परिसर में सुरक्षार्थ
खड़ा कराया गया है।
माननीय सर्वोच्च न्यायालय में दायर याचिका कमांक डब्ल्यू.पी. (सी) 13029/1985 के आदेश 16 दिसम्बर 1997 में स्पष्टतः उल्लेखित है कि जो वाहन स्कूल में संचालित होंगे उनका रंग पीला होगा, अग्र एवं पश्च भाग पर स्कूल बस एवं ऑन स्कूल ड्यूटी लिखा होगा, खिड़कियों पर ग्रिल होगी, वाहन चालक को कम से कम 5 वर्ष का भारी वाहन चलाने का अनुभव होगा, वाहन को खतरनाक तरीके से नहीं चलाया जायेगा आदि। कार्यालय परिवहन आयुक्त ग्वालियर म.प्र. का पत्र क्रमांक-3020/नीति/स्कूल/टीसी/2019 ग्वालियर 24 जून 2019 के खण्ड 2(3) में स्पष्टतः उल्लेखित है कि एल.पी.जी. संचालित वाहन का प्रयोग स्कूली वाहन के रूप में पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। यह वाहन एल.पी.जी.गैस किट लगाकर चलाया जा रहा था जो कि अत्यंत ज्वलनशील गैस है। बच्चों की जान को जोखिम में डाल कर वाहन स्वानी द्वारा वाहन का संचालन किया जा रहा था। इस संबंध में थाना प्रभारी थाना कोतवाली छिंदवाड़ा को वाहन स्वामी श्री आशीष चरपे पिता श्री नामदेव चरपे के विरूध्द विधि अनुसार कार्यवाही करने के लिये तथा जिला शिक्षा अधिकारी छिंदवाड़ा को सभी स्कूल संचालकों को स्कूली वाहनों में सुरक्षा संबंधी उपाय सुनिश्चित करने के लिये आवश्यक दिशा-निर्देश देने के लिये परिवहन कार्यालय द्वारा पत्र भी प्रेषित किया गया।