*हर बार की तरह वही हुआ, जिसका डर था,,? नगर के अतिक्रमण हटाओ मुहिम की निकली हवा?*
मुलताई:(सैय्यद हमीद अली)
आदेश चाहे जो भी हो ,अधिकारी चाहे जो भी हो, परंतु नगर के अतिक्रमण हटाने के मामले में शासन प्रशासन की हवा निकल ही जाती है ? ऐसा हर बार देखा गया है? फुटपाथ पर रोजी-रोटी चलने वाले, गरीब मजदूरों ने फिर एक बार प्रशासन पर आरोप लगाया है कि, अतिक्रमण हटाओ मुहिम, गरीबों के हित में नहीं है? अतिक्रमण हटाने के नाम से मात्र गरीबों का ही अतिक्रमण हटाया जाता है, और पक्के और बड़े अमीरों के अतिक्रमण ,को हटाने की बारी आते-आते, मुहिम की हवा निकल जाती है। और सारा मामला ठंडा बस्ती में चल जाता है। इस बार भी ऐसा ही हुआ? मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव एवं जिला कलक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी के सख्त आदेशों के बाद, नगर में परमंडल जोड से लेकर, कामथ तक नगर से गुजरने वाली मध्य सड़क को चौड़ीकरण के लिए ,अतिक्रमण हटाना प्रारंभ था! परंतु देखा गया है कि, चंद गरीब लोगों के अतिक्रमण हटाकर, अब यह मुहिम में शिथिलता नजर आ रही है? हटाए गए अतिक्रमण के फुटकर व्यापारियों ने बताया कि, शासन का यह रवैया भेदभावपूर्ण है? जबकि अमीरों के बड़े अतिक्रमण जस की तस रखे गए हैं,, और 2 जून की रोजी-रोटी कमाने वाले गरीबों की फुटकर दुकानों को हटाने का काम, शक्ति के साथ किया गया है? फुटकर व्यापारियों ने बताया कि, नगर में हर बार ऐसा ही किया जाता है। ऊपर से अतिक्रमण हटाने के आदेश है ऐसा भयभीत कर, मात्र गरीब लोगों का ही अतिक्रमण हटाया जाता है? तथा जहां पर ज्यादा परेशानी हो रही है, ऐसे बड़े और अमीर लोगों का अतिक्रमण के पास प्रशासन भी नहीं पहुंच पाता। जबकि मां ताप्ती के प्रथम पुलिया के पास से लेकर ,जय स्तंभ चौक ,,फावारा चौक से लेकर भारतीय स्टेट बैंक से होते हुए, कामथ तक, के बेजा अतिक्रमण पर, नगर के तमाम लोगों की नजर लगी हुई है। लोगों ने बताया कि, अगर पहले यहां अतिक्रमण हटाया जाता है, तो वह अपना अतिक्रमण अपने हाथों से स्वयं ही हटा लेंगे। और प्रशासन की मदद करेंगे? परंतु ऐसा हो पाना बहुत-बहुत ही नामुमकिन और असंभव सा लगता है?
*मुख्यमंत्री महोदय के, दो आदेशों की उड़ रही सब्जियां*?
मध्य प्रदेश शासन के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री, श्री मोहन यादव ने मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनते ही, दो आदेश पारित किये, जिसमें अतिक्रमण मुहिम चलाकर अवैध अतिक्रमण को हटाकर सड़के चौड़ी करना,, तथा दूसरा नियम था अत्यधिक ध्वनि से होने वाले कोलाहल पर पाबंदी लगाना,? दो आदेश बहुत ही मुख्य और खास पारित किए गए थे? जिसके तहत अत्यधिक ध्वनि वाले, ध्वनि विस्तारक यंत्रों को बंद करना, तथा शासन द्वारा निर्धारित साउंड में ही ध्वनि विस्तारक यंत्र की आवाज को नियंत्रित करना। इसी के साथ अत्यधिक शोर वाले , दिल दहला देने वाले डीजे पर भी पाबंदी लगाने के आदेश दिए गए थे? जिसके तहत धार्मिक स्थलों से एक से अधिक लगे लाउडस्पीकर, उतार दिए गए है,और कम ध्वनि में ही , मंदिरों की आरती,पूजा,और मस्जिदों की अजान हो रही है। तथा रात में 10:00 बजे के बाद अत्यधिक ध्वनि पर प्रतिबंध लगाया गया है। परंतु देखा जा रहा है कि ,शासन प्रशासन के और माननीय मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री, मोहन यादव जी के आदेशों के बाद भी, रात्रि में 10:00 बजे के बाद भी, जोरदार शोर से दिल बहलाते और धरती कपकपाते डीजे ,और ध्वनि विस्तारक यंत्र, शादी विवाह में या किसी भी शुभ अवसर पर सरेआम बजाए जा रहे हैं? शासन प्रशासन के अधिकारी भी सुन रहे हैं, परंतु आज तक किसी पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हुई। इस तरह से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के दोनो आदेशों की हवाहवाई होते दिखाई दे रही हैं?