नगर के शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नहीं सोनोग्राफी मशीन..? परेशान होते मरीज़.?.

मुल्ताई:( सैय्यद हमीद अली.)

यूं तो नगर के शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में, अनेको अनियमितताएं हैं ? जैसे कि डॉक्टर का उपलब्ध न होना या जगह पर नहीं मिल पाना,, लिखी गई गोली दवा नहीं मिल पाना, या सायरप का खत्म हो जाना ,,एक्स-रे ऐसी कई असुविधाएं शुरू से चली आ रही है । परंतु ऐसे में सोनोग्राफी का ना होना भी एक बहुत बड़ी असुविधा है।

प्रदेश सरकार द्वारा ,संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए, तमाम योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सोनोग्राफी मशीन की सुविधा नहीं है। मुलताई के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ,सोनोग्राफी मशीन न होने से गर्भवती महिला और अन्य मरीजों को जांच के लिए परेशानी होती है। अस्पताल में इलाज कराने के लिए आने वाले मरीजों को ,जरूरत पड़ने और गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व डॉक्टर सोनोग्राफी की सलाह देते हैं। इसके चलते, स्वास्थ्य केंद्र में सोनोग्राफी मशीन जरूरी है। स्वास्थ्य केंद्र पर सोनोग्राफी मशीन नहीं होने से ग्रामीण अंचल के मरीजों और प्रसूताओं को बैतूल स्वास्थ्य केंद्र अस्पताल जाकर या प्राइवेट में जांच करवाना मजबूरी बना हुआ है। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को 50 किमी की दूरी तय करने का जोखिम भी उठाना पड़ता है। इसमें महिलाओं के परिजनों को अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ता है। जिसमें गरीब वर्ग के लोग इस अतिरिक्त खर्च को वहन कर आर्थिक परेशानी से जूझते हैं। नगर के शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रति मंगलवार को महिलाएं, अपने गर्भ की जांच के लिए अस्पताल जाती है। परंतु वहां पर सोनोग्राफी मशीन नहीं होने की वजह से ,उन्हें इधर-उधर भटकना पड़ता है । इसलिए यह अत्यंत आवश्यक है कि ,नगर के शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ही अति शीघ्र सोनोग्राफी मशीन उपलब्ध कराई जाए।
गर्भाशय में बच्चे की स्थिति का पता लगाने के लिए ,स्त्री रोग विशेषज्ञ गर्भवती महिला को सोनोग्राफी कराते हैं। यह प्रक्रिया तीन बार करनी होती है।
किसी भी गर्भवती महिला को गर्भधारण से प्रसव तक डॉक्टरी सलाह पर तीन बार सोनोग्राफी कराना होती है। जिसमें तीसरे महीने, छठवें और नौवें महीने में यह जांच करना बहुत जरूरी है। मुलताई स्वस्थ केन्द्र पर जांच की सुविधा नहीं होने से गर्भवती महिलाओं को खास कर ग्रामीण अंचलों से आई महिलाओं को,लंबा सफर तय कर ,जांच कराना मजबूरी बना हुआ है। बताया जा रहा है कि प्रतिदिन 40 से 50 गर्भवती महिला ओपीडी में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आती है परंतु नगर के शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सोनोग्राफी की मशीन नहीं होने की वजह से उन्हें, निजी तौर पर अधिक खर्च करके सोनोग्राफी करवाना बहुत बड़ी मजबूरी है ? नगर के समाजसेवी पाशा खान ने ,एक ज्ञापन शासकीय सामुदायिक केंद्र मुलताई के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर अभिनव शुक्ला को सौप कर ,अस्पताल में सोनोग्राफी की मशीन लगाने की मांग की है। इस तरह से शासकीय सामुदायिक केंद्र में सोनोग्राफी मशीन नहीं होने की स्थिति में,अधिकांश गर्भवती महिलाओं को प्रसव के दौरान बैतूल रेफर किया जाता है। गर्भवती महिलाओं के लिए चलाई जा रही है राज्य सरकार की इस कल्याणकारी योजना का लाभ, गर्भवती महिलाओं को नहीं मिल पा रहा है। अधिकारी भी इस और अनजान बनकर बैठे हैं।
*इनका कहना है*?
हमने गर्भवती महिलाओं की परेशानी ,और बढ़ती हुई संख्या को देखकर, अस्पताल में सोनोग्राफी की मशीन लगाने की मांग हेतु पत्राचार किया है?
*अभिनव शुक्ला (ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर ) शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मुलताई*?

Satish Naik

Editor in Chief

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