अवैध रेत भंडारण पर खनीज विभाग ने की कार्यवाही सेमरिया मे खनीज माफिया का रेत का स्टाक् पकड़ा 2 लाख होगा जुर्माना

(बैतूल अबतक की खबर का हुआ असर)

 

(दिलीप चौकीकर संवाददाता आमला)

 

आमला। ग्राम जम्बाडा अंतर्गत आने वाले ग्राम सेमरिया मे अवैध रूप से रेत का भण्डारण किये जाने के संबंध में लगातार अखवार मे समाचार प्रकाशित किये जा रहे थे।जिसके बाद खनीज विभाग द्वारा रेत के अवैध भंडारण पर कार्यवाही करते हुए खनीज माफिया पर लाखो का जुर्माना किया गया है। दिनांक 9 मई को खनिज विभाग के अधिकारियों टीम ग्राम सोंतलाई एवं कोंडरखापा पहुंची और खनिज माफिया तिलक सिसोदिया के अवैध भंडारण का निरीक्षण किया तो ग्राम सोंनतलाई मे अपने रिस्तेदार साबु कुशवाह के खेत पर रखी हुई 50 ट्राली अवैध उतखनन कर निकाली गई रेत दिनांक 7 और 8 मई की दरम्यानी रात हटाली गई जिसके बाद हटाई गई रेत के स्थान पर गन्ने की कचरा डाल गया था । जिसके बाद अधिकारियो द्वारा मोके पर पंचनामे की कार्यवाही कर खनीज माफिया के घर ग्राम सेमरिया खुर्द पहुंचकर रेत का अवैध भंडारण पकड़ा गया जहा लगभग 52 घणमीटर रेत का अवैध भंडारण पाया गया खनिज निरीक्षक भगवत नगवंसी द्वारा अवैध रेत भंडारण के संबंध में साधारण रेत (उत्खन्न एवं व्यवसाय) भण्डारण नियम 2009 एवं गौण खनिज नियम 2015 के तहत् लगभग 2 लाख की राशि की जुर्माने की नियमानुसार कार्रवाई की गई है।

 

पटवारी की मिलीभगत से हो रहा अवैध रेत का कारोबार 

 

 

ब्लाक के ग्राम जम्बाड़ा सोनतलाई हल्के में अवैध रेत का कारोबार जम से हो रहा है। जगह जगह अवैध रेत के डंप यह साबित करते है कि अवैध रेत का कारोबार बिना रोकटोक के किया जा रहा है। लोगो का मानना है कि हल्के के पटवारी की मिलीभगत से ही अवैध रेत का कारोबार किया जा रहा है। जबकि राजस्व क्षेत्र में अवैध खनन के लिए पटवारी भी जिम्मेदार होता है। लेकिन यहां तो सब खुलेआम ही किया जा रहा है। जगह जगह रेत के डंप से ट्रेक्टर ट्रालियों से रेत का परिवहन किया जा रहा है। लोगो का कहना है कि जम्बाड़ा सोनतलाई में एक दर्जन से अधिक टैक्टर ट्रालियों से रेत का परिवन हो रहा है। नदियों को छलनी किया जा रहा है। ऐसे में राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है। जैसे ही अखबारों मे अवैध रेत के डंप को लेकर समाचार प्रकाशित किया गया उसके बाद खनिज विभाग ने कारवाई की है। बताया जा रहा है कि पटवारी की मिलीभगत से अवैध रेत का कारोबार किया जा रहा थ।

Satish Naik

Editor in Chief

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