आचार संहिता का उल्लंघन, परंतु नहीं जागा चुनाव आयोग .? ना ही कोई शासकीय कर्मचारी ?

मुल्ताई:(सैय्यद हमीद अली)

कल ही लोकसभा बैतूल हरसूद हरदा संसदीय क्षेत्र के लोकसभा चुनाव संपन्न हुए हैं। कोई भी चुनाव हो उसके पहले आचार संहिता का लगाना , एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। परंतु जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते-जाते हैं, जिसके तहत पुलिस फोर्स तथा धारा 144 एहतियात के तौर पर लगा दी जाती है, और पुलिस फोर्स तीखी नजर रखती है कि कही भी आचार संहिता का उल्लंघन ना हो सके। परंतु विकासखंड प्रभात पट्टन की ग्राम पंचायत प्रभात पट्टन में आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए एक मामला उजागर होकर सामने आया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार बस स्टैंड से अंदर बस्ती में जाने वाले प्रमुख सड़क मार्ग पर ही, एक प्रवेश द्वार बनाया गया है। जिस पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम अंकित है। साथ ही कुछ धार्मिक चिन्ह भी बने हुए हैं, जिन्हें आगामी चुनाव को देखते हुए आचार संहिता लग जाने के बाद कपड़ों इत्यादि से ढक कर रख दिया गया था। परंतु चुनाव से दो-तीन दिन पहले ही वह कपड़ा फट जाने से सब कुछ दिखाई दे रहा था जो की आचार संहिता के उल्लंघन के अंतर्गत आता है। परंतु गश्त कर रहे किसी भी फोर्स ने या चुनावी ड्यूटी पर लगाए गए सरकारी कर्मचारियों ने यह नहीं देखा। और चुनाव संपन्न कर दिए? जबकि यह मामला आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन के अंतर्गत है। जब चुनाव आयोग इस ओर गंभीर नहीं है, तो फिर बाहर से बुलाई गई फोर्स, पुलिस फोर्स, और दो टाइम शहर में ग्रस्त करने का क्या मतलब निकलता है? इस लापरवाही को लेकर संबंधित अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई होना जरूरी है।

Satish Naik

Editor in Chief

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