विवाद और डॉ नरवरे का गहरा नाता
*भ्रष्टाचार को उजागर करने वालो पर झूठा केस बनवाने में माहिर है डॉ नरवरे*
भ्रष्टाचार के मामले में महीनो के लिए लापता हो गए थे डॉ नरवरे
डॉ फराज शेख दंत चिकित्सक के अस्पताल में आए बिना ही उपस्थिति दर्ज हो गई और कई माह का वेतन भी निकाला गया
दिलीप चौकीकर संवाददाता आमला/सतीश कुमार
सिविल अस्पताल आमला में पदस्थ बी एम ओ डॉ अशोक नरवरे और विवाद का गहरा नाता है।आमला का सिविल अस्पताल नाम को तो सिविल अस्पताल है पर सुविधाएं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जैसी भी नही है।
अस्पताल में सुधार के संबंध में यदि कोई बात उठाता है तो डा नरवरे अपने राजनीतिक प्रभाव से उन पर दबाव डलवाकर उनकी शिकायतों को दबवा देते है।यदि कोई पत्रकार या आर टी आई कार्यकर्ता अस्पताल के भ्रष्टाचार को जनता के समक्ष उजागर करता है तो डॉ नरवरे अपने परिचित और रिश्तेदारों से उनकी झूठी पुलिस में शिकायत करवा देते है।हाल ही में ऐसा ही वाकया सामने आया था जब आमला के कुछ पत्रकारों ने सिविल अस्पताल मे चल रहे भ्रष्टाचार के मामले को प्रमुखता से छापा था उन सभी पत्रकारों के विरुद्ध डॉ नरवरे ने अपनी साली के माध्यम से उनकी झूठी शिकायत थाने में करवा दी थी।केवल सूचना का अधिकार के तहत जानकारी मांगने वाले की झूठी शिकायत थाने में करवा दी जो बाद में जांच करने पर निराधार पाई गई। आमला सिविल अस्पताल मे सुचना का अधिकार से जानकारी मांगी गई तो जानकरी तो नही दि उपर से झुटी शिकायत अपने ही रिस्तेदार से कराई ताकि जानकारी न देना पड़े लेकिन मोहरा उलटा पड़ गया कहावत है सत्य कि हमेंशा विजय होती है और असत्य कि पराजय होती है शिकायत छः सात पत्रकारो कि गई थी जो लिखित शिकायत मे जो आरोप लगाए थे वह भी झुटे पाए गए पुलिस ने भी निष्पक्ष जांच कि दुध का दुध और पानी का पानी किया यह जांच मे पुलिस ने सरानीहय जांच कि सारे आरोप निराधार निकले भ्रष्टाचार मे लिप्त डॉ अशोक नरवरे ने जो चाल चली उसमे भी कामयाब नही हुआ मामला एक डॉ शेख फराज डेंटिस्ट विशेषज्ञ दातो का डाक्टर जिसे आमला में पदस्थ बताया गया था उसके बाबत जानकारी मांगी थी,उल्लेखनीय है की बी एम ओ अशोक नरवरे कि मिली भगत से उक्त दंत चिकित्सक की 200 से 250 दिन की पेमेंट निकाली गई
है सुत्र से मिली जानकारी मे यह भी बताया गया है कि स्टाप के लोग इस नाम के डॉक्टर को जानते तक नही है और इस नाम के डाक्टर ने सिविल अस्पताल में सेवा ही नही दी और इनके नाम से वेतन निकल गया। डॉ फराज शेख के बारे में जानकारी मांगी गई तो जानकारी तो नही दि गई तो प्रथम अपील सी एच एम ओ बैतूल को कर दी गई है और यह मामला सुचना आयोग
भी जा चुका है सुचना आयोग भी 25000 तक का जुर्माना कर सकता है।आर टी आई कार्यकर्ता इसे आगे उठाने वाले है।अपने भ्रटाचार से बचने के लिए बी एम ओ नरवरे द्वारा झुटी शिकायत और की जा सकती है।आर टी आई कार्यकर्ता ने बताया की इस संबंध में यह शिकायत मेडिकल काउंसिलिंग ईथीक्स कमेटी को भी दी जा रही है आगे आवश्यकता पड़ी तो इसकी शिकायत एम सी आई दिल्ली तक भी की जाएगी। भ्रष्टाचार करने वाले को उसकी मंजिल तक पहुचायेगें।
डॉ अशोक नरवरे के सैकड़ों भ्रष्टाचार के मामले जानकारी में है जिन्हे सिलसिले वार आगे के अंको में प्रकाशित किए जायेंगे। इसी संबंध में जीजा शाली का अगला अंक आगे भी बतायेगें।