बीएमओ डॉ नरवरे की कलेक्टर से की शिकायत  सविल अस्पताल में भष्ट्राचार का मामला

(दिलीप चौकीकर संवाददाता आमला)

आमला. इन दिनों सिविल अस्पताल आमला भष्ट्राचार के मामले में सुर्खियां बटोर रहा है। जहां तहां सिविल अस्पताल के भष्ट्राचार की चर्चा आम हो गई है। नगर के आरटीआई कार्यकर्ता दिलीप चौकीकर,भाजपा नेता अकरम खान ने शिकायत में बताया कि सिविल अस्पताल में कई सालों से पदस्थ बीएमओ डॉ अशोक नरवरे के द्वारा किए गए भष्ट्राचार की शिकायत कर जाच की मांग की है। आरटीआई कार्यकर्ता दिलीप चौकीकर ने बताया कि सिविल अस्पताल आमला में दंत विशेषज्ञ चिकित्सक शेख फराज ने सिविल अस्पताल में अपनी सेवाएं नही दी है। उपस्थिति पंजी में फर्जी हस्ताक्षर करके वेतन निकला गया है। करीब 200 से240 हाजरी है डॉ शेख फराज ने ओपीडी में मरीजों का उपचार नही किया है। उसके बाद भी वेतन निकाला गया है। वही सिविल अस्पताल के लिए 32 सीसीटीवी कैमरे लगाने लिए आए थे। लेकिन सिविल अस्पताल में कैमरे लगाए ही नही गए है। अस्पताल में एलईडी भी लगी थी लेकिन ऐलेडी भी कहा गायब हो गई पता नही सिविल अस्पताल ना तो सीसीटीवी कैमरे नही लगे है एईडी भी नही लगाई गई।

बीएमओ के कार्यकाल में फर्जी डॉक्टरों पर नही हुई कावाई

 

आमला ब्लॉक में फर्जी डॉक्टरों का मकड़जाल बिछा हुआ है कई बार शिकायत होने के बाद भी फर्जी डॉक्टरों पर कोई कावाई नही हुई है। इसका कारण यह है कि बीएमओ डॉ अशोक नरवरे फर्जी डॉक्टरों पर कावाई नही करने के एवज में फर्जी डॉक्टरों से प्रति माह की अच्छा खासा नजराना लेते है। इस वजह से फर्जी डॉक्टरों पर कोई कार्यवाही नही हो रही है। अस्पताल के एक कर्मचारी ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि ब्लाक में 215 करीब फर्जी डॉक्टर है। जो बीएमओ की जानकारी में है। अस्पताल का एक कर्मचारी फर्जी डॉक्टरों से साठगांठ करके बीएमओ को पहुचता है। इस बजह से फर्जी डॉक्टरों पर करवाई नही की जा रही है।

बीएमओ से अस्पताल के कर्मचारी परेशान

 

बीएमओ डॉक्टर अशोक नरवरे के द्वारा स्टाप नर्स,एनएम, अन्य कर्मचारियों को अटैच करने के नाम से इधर से उधर किया जाता है। जिससे अस्पताल के कर्मचारी भी बीएमओ डॉक्टर नरवरे से काफी परेशान है। एक महिला कर्मचारी ने अपनी दबी जबान से बताया कि बीएमओ द्वारा अटैचमेंट करने की धमकी दी जाती है हर माह की डिमांड की जाती है। यहां हमारे परिवार का तो भरण पोषण मुश्किल से हो रहा है। ऐसे में बीएमओ द्वारा बे-वजह परेशान किया जाता है। आए दिन अटैचमेंट करने को लेकर तरह तरह के हतकण्डे अपनाए जाते है। कर्मचारियों ने भी बीएमओ पर कार्यवाही करने की मांग कलेक्टर से है।

Satish Naik

Editor in Chief

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