बी एम ओ की निष्क्रियता से मरीजों की मौत पर बन आती है
(दिलीप चौकीकर संवाददाता आमला)
आमला का सरकारी अस्पताल हमेशा से ही चर्चित रहा है।सिविल अस्पताल आमला के बी एम ओ की निष्क्रियता और लापरवाही का नतीजा आमला के मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।भ्रष्टाचार की चारागाह बना सिविल अस्पताल आमला जीवन रक्षक नहीं बल्कि लोगो की जान कबआफत का कारण बनता जा रहा है।आए दिन अस्पताल में घटनाएं घट रही है।
आमला सिविल अस्पताल में असुविधाओं के कारण हो रही मौते नही मिल पाता प्राथमिक उपचार सोमवार रात आठ बजे कामठी निवासी राजू सावनेर अपने रिश्तेदार के घर शादी में आया हुआ था अचानक सीने में दर्द उठा जिसके कारण आमला सिविल अस्पताल में पहुंचे लेकिन उन्हें प्राथमिक उपचार नही मिल पाया ड्यूटी पर उपस्थित डॉक्टर प्रदीप जयंत ने मामूली गैस होना बताते रहें और परिवार जनों को थम्स अप या सोडा पिलाने का कहते रहते और कुछ समय के बाद घर चले गए मरीज तड़पता रहा परेशान होता रहा जब अत्यधिक स्थिति बिगड़ गई तब नर्सो ने उन्हें फोन करके पुनः वापस बुलाया तब तक स्थिति सामान्य से खराब हो गई थी और वह आकर उन्हें देखकर बोले इन्हें तुरंत बैतूल ले जाओ मरीज को बैतूल ले जाने में 1 घंटे का समय एम्बुलेंस ने लिया।बैतूल अस्पताल पहुंचते ही वहां के डॉक्टरों ने बता दिया कि उनकी मौत काफी पहले ही हो चुकी है जिससे स्पष्ट नजर आता है कि आमला अस्पताल में पूरी तरह से लापरवाही की गई और उन्हें बैतूल रेफर कर दिया यह एक ही वाकया नही है, ऐसी कई घटना है जो लोगो के साथ हुई है तहसील का दर्जा प्राप्त आमला जो की 68 पंचायतों से घिरा हुआ है आस पास के ग्रामीण और आमला के निवासी यह अपना इलाज कराने के लिए जाते है लेकिन पर्याप्त सुविधाओ से वंचित यह अस्पताल से मरीज निराश होकर चले जाते है आखिर यह कब तक चलेगा क्या यूंही आमला के हाथो में निराशा ही लगते रहेंगी।
आमला के कुछ प्राइवेट क्लीनिक रात के आठ बजे के बाद इलाज नही करते और सिविल अस्पताल में पर्याप्त इलाज नही मिल पाता लोगो को मजबूरी में बैतूल का रुख अपनाना पड़ता है और इसी कारण आमला और पंखा के बीच कई लोगो ने अपने दम तोड़ दिए है हार्ट अटैक से होने वाली जो मौत होती है उसे रोकने या उपचार के लिए जिस इंजेक्शन की आवश्यकता होती है वह भी उपलब्ध नही है
अधिवक्ता राजेंद्र उपाध्याय का कहना है की आमला में पाच करोड़ की लागत से बने सिविल अस्पताल में एक्सरे मशीन सही काम नही करती वही ईसीजी नही होती आंखो के डॉक्टर नही है और ना ही समय पर एंबुलेंस नही मिल पाती घंटो मरीजों को एंबुलेंस का इंतजार करना पड़ता है नही तो मजबूरी में निजी वाहन कर के बैतूल जाना पड़ता है अस्पताल में रात्रि कालीन डॉक्टर एवं नर्स उपस्थित नहीं रहती है लोगो का कहना है कि बी एम ओ समय पर उपस्थित ही नहीं रहते। और अपनी सेवाएं तत्परता से नहीं देते है जिसके कारण इस तरह की घटना दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। सभी समस्याओं को देखते हुए आज आमला के प्रबुद्ध नागरिक गण नगर पालिका अध्यक्ष नितिन गाडरे प्रगतिशील व्यापारी संघ अध्यक्ष अनिल सोनी,समाजसेवी मनोज देशमुख सहित पार्षदों महिलाओं एवं पुरुषों ने तहसीलदार महोदय को मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंप कर अस्पताल की व्यवस्थाओं को सुधार करने हेतु कदम उठाने हेतु निवेदन किया है।
उल्लेखनीय है कि बी एम ओ की लापरवाही के कारण सिविल अस्पताल आमला में जीवन रक्षक दवाइयों का आभाव बना रहता है।इनके द्वारा अस्पताल में दवाइयों की पर्याप्त व्यवस्था नहीं की जाती है जिसके कारण इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ता है।