(दिलीप चौकीकर संवाददाता आमला)
आमला। आमला बी एम ओ के भ्रष्टाचार के नए नए कारनामे आए दिन सामने आ रहे है।आमला में पदस्थ दंत विशेषज्ञ डॉ फराज शेख जिन्होंने सिविल अस्पताल आमला में सेवा नहीं दी लेकिन फिर भी इनकी 200 से 250 दिन की फर्जी उपस्थिति दर्शाकर बी एम ओ अशोक नरवरे द्वारा वेतन निकलवाया गया।आमला के जनसामान्य लोगो के साथ अन्याय किया गया।सिविल अस्पताल आमला की शिकायत को लेकर आर टी आई कार्यकर्ता दिलीप चौकीकर ने पिछले दिनों मप्र शासन के प्रमुख सचिव सहित उप सचिव श्री डी नागेंद्र जी से भेंट कर आमला के बी एम ओ अशोक नरवरे के भ्रष्टाचार की शिकायत की थी और जांच की मांग की गई थी।इस पर श्रेष्ठ अधिकारी महोदय द्वारा त्वरित कार्यवाही कर माननीय बैतूल कलेक्टर महोदय को इसके लिए जांच के लिए निर्देशित किया।इस संबंध में श्रीमान एस डी एम राजस्व महोदय के निर्देशन में एक जांच दल जांच करने सिविल अस्पताल आमला पहुंचा इस जांच दल में सी एम एच ओ बैतूल भी शामिल थे एक।आरटीआई कार्यकर्ता दिलीप चौकीकर ने शिकायत में बताया कि सिविल अस्पताल में कई सालों से पदस्थ बीएमओ डॉ अशोका नरवरे के द्वारा किए गए भष्ट्राचार की शिकायत कर जांच की मांग की थी। भष्ट्राचार की शिकायत स्वस्थ विभाग के प्रमुख सचिव को की गई थी। जिसकी जांच के लिए कलेक्टर द्वारा एक टीम का गठन किया था। टीम में एसडीएम शैलेंद्र बडोनिया के साथ सीएचएमओ रविकांत उइके आमला पहुंचे थे। आरटीआई कार्यकर्ता दिलीप चौकीकर ने बताया कि सिविल अस्पताल आमला में दंत विशेषत चिकित्सा शेख फराज ने सिविल अस्पताल में अपनी सेवाए नहीं दी है। उपस्थिति पंजी में फर्जी हस्ताक्षर करके वेतन निकाला गया है। करीब 200 से 250 दिन की हाजरी लगाकर फर्जी भुगतान किया गया है। सिविल अस्पताल आमला डॉ शेख फराज ने ओपीडी में मरीजों का उपचार नहीं किया है। उसके बाद भी वेतन निकाला गया है। वहीं सिविल अस्पताल पुर्व बीएमओ डॉ रजनीश र्शमा ने 32 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे, लेकिन सिविल अस्पताल में से सीसीटीवी कैमरे करीब ढाई तीन साल पहेले ही निकाल लिए गए सिविल अस्पताल में एलईडी भी लगी थी, लेकिन एलईडी भी कहा गायब हो गई पता नहीं। सिविल अस्पताल ना तो सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे है एईडी भी नहीं लगाई गई। बीएमओ के कार्यकाल में फर्जी हाजरी का भुगतान किया गया है। सिविल अस्पताल में बीएमओ डॉक्टर अशोक परवरे के द्वारा स्टाप नर्स, एनएम, अन्य कर्मचारियों कोअटैच करने के नाम से इधर से उधर किया जाता है। जिससे अस्पताल के कर्मचारी भी काफी परेशान है। बीएमओ द्वारा अटैचमेंट करने की धमकी दी जाती है हर माह की डिमांड की जाती है। दिलीप चौकीकर ने 16 बिन्दुओं की शिकायत स्वस्थ विभाग। के प्रमुख सचिव से कर जाच की मांग की थी। इस विषय मे एसडीएम शैलेंद्र बाड़ोनिया ने बताया कि शिकायतकर्ता दिलीप चौकीकर ने स्वस्थ विभाग के प्रमुख सचिव को शिकायत की थी। जांच के लिए कलेक्टर द्वारा जांच सौंपी गई है। आज शिकायतकर्ता के बयान लिए गए है दस दिन में जांच कर कलेक्टर को जांच प्रतिवेदन सौंपा जाएगा। सीएचएमओ रविकांत उइके ने बताया कि स्वस्थ विभाग के प्रमुख सचिव को शिकायत की गई थी। कलेक्टर द्वारा जांच टीम में सम्मिलित कर भेजा गया है। जांच के बाद ही कलेक्टर को प्रतिवेदन सौंपा जाएगा।