(दिलीप चौकीकर संवाददाता आमला)
पति-पत्नी के एक रोचक मामले में आज न्यायालय के समक्ष एक अजीब स्थिति उत्पन्न हो गई 10 मई 2024 को दोनों पति-पत्नी साथ रहने के लिए तैयार हो गए थे लेकिन आज जब वह कोर्ट वापस लोक अदालत में लौटे तो पति के पत्नि से यह कहने पर कि आपने मुझ पर जो आरोप लगाए हैं वह गलत है उसके लिए मुझसे माफी मांगो और लिख कर दो कि मैंने झूठे आरोप लगाए थे ।
इस बात पर से बात बिगड़ गई और पत्नी तलाक मांगने लगी दोनों तलाक लेने के लिए विवाद करने लगे दोनों पक्षों के मध्य जब बात किसी भी कीमत पर नहीं बन पा रही थी तो सुलहवार्ता और मध्यस्थता कार्यवाही के दौरान राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायाधीश तपस कुमार दुबे राकेश कुमार सनोडीया राहुल निरंकारी चारू व्यास और पारिवारिक मामलों के जानकर वकील राजेंद्र उपाध्याय अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष हिरमन नागपुरे सचिव दिनेश कुमार सोनी सहित कल्पेश माथनकर सुरेंद्र खातरकर किरण जैसवाल आर के देशमुख कमल सोलंकी सी एल सोलंकी के एल पाल द्वारा पति-पत्नी को अलग-अलग बिठाकर समझाया गया ।
दोनों पक्षों के रिश्तेदारों ने भी समझाया और दोनों एक दूसरे के गले में माला पहनकर खुशी-खुशी न्यायालय से अपने घर की ओर रवाना हो गये यह लोक अदालत का सबसे सुखद अवसर था ।आज नेशनल लोक अदालत में न्यायालय में लगभग 51 मामले आपकी सहमति से निपटाये गए चेक बाउंस के दो मामलों में जिसमे विचारण न्यायालय से सजा हो गई थी। दोनों पक्षों में राशि को लेनदेन को लेकर विवाद था लेकिन सुलह वार्ता के दौरान राजीनामा हो गया 10 लाख रुपए दुर्घटना मुआवजा में वसूलने थे लगभग 7 वर्ष पहले दुर्घटना में युवक की मृत्यु हो गई थी वाहन बीमित नहीं था वाहन मालिक को धनराशि अदा करनी पड़ी बड़ी संख्या में वकील और पक्षकार उपस्थित थे।