झोलाछाप खुलेआम क्लिनिक खोल कर रहे मरीजों की जान से खिलावाड

कार्यवाही नही होने से झोलाछापो का फैला मकड़जाल

 

(दिलीप चौकीकर संवाददाता आमला)

आमला। इन दिनों मौसमी बीमारियों का दौर सा चल रहा है, बच्चों से लेकर बडे बूढ़े तक सर्दी जुकाम, बुखार, खांसी सहित गले व पेट के बीमारियों से परेशान है। ऐसे में अस्पतालों में प्रतिदिन भारी संख्या में मरीजों की भीड़ आ रही है। लेकिन सभी का इलाज सरकारी अस्पताल में नहीं हो पा रहा है। ऐसे में मरीज क्लीनिकों में पहुंच कर इलाज करा रहे हैं। इनमें शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं कमजोर होने से झोलाछाप डॉक्टरों के पास मरीज जा रहे हैं और बिना जांच के ही दवाई करा रहे हैं। वहीं ग्रामीण क्षेत्र के साथ ही शहर के कई स्थानों में झोलाछाप डॉक्टर और मेडिकल स्टोरर्स में फार्मासिस्ट खुुलेआम मरीजों का इलाज कर उनकी जान से खिलवाड कर रहे हैं जैसे ग्राम बोरी मे रावत मेडिकल स्टोर का संचालक स्वयं अस्पताल खोल अवैध क्लिनिक संचालन कर रहा है वही आमला नगर मे भी इसी तरह अवैध क्लिनिक झोलाछाप डाक्टर चला रहे।
मौसम के बदलाव से जिले के कई लोग अचानक से बीमार पडऩे लगे है, जिनमें से ज्यादातर बच्चे बीमार पड रहे हैं। ऐसे में ब्लाक की सरकारी स्वास्थ्य सेवा बेहतर नहीं है। ग्रामीण इलाकों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टर नहीं होने या अन्य कार्यों में व्यस्त होने से लोग निजी अस्पतालों का रुख कर रहे हैं, जो कि बहुत महंगे हैं और जो लोग इतना खर्च उठाने लायक नहीं हैं उनका सहारा झोलाछाप डॉक्टर बन रहे हैं।

देश की स्वास्थ्य व्यवस्था की इन तीन बड़ी कमियों
लचर ग्रामीण स्वास्थ्य सुविधाएं, डॉक्टरों की कमी और महंगे निजी इलाज का फायदा सीधे तौर पर झोलाछाप डॉक्टरों को मिलता है। ऐसे में गांव, कस्बों या शहर के बाहरी इलाकों में बड़ी आबादी इनसे इलाज करा रही है क्योंकि, लोगों को इलाज के लिए यह सहज तौर पर उपलब्ध होते हैं और कम खर्च में इलाज करते हैं। हालाकि यहां पर आराम नहीं होने के बाद फिर अस्पतालों में पहुंचते हैं।
बिना जांच के देते हैं दवाइयां
क्षेत्र के झोलाछाप डॉक्टर मरीजों को बिना जांच के दवाइयां दे रहे हैं। जो मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं। इन डॉक्टरों की ओर से अधिकतर एंटीबॉयटिक दवाइयां और इंजेक्शन दिए जाते हैं। इनमें से कुछ दवाइयां और इंजेक्शन सामान्य बीमारियों वाले मरीजों में तो काम कर जाती है, लेकिन अधिकतर मामलों में मरीजों को इनका लाभ नहीं मिल पाता। ग्रामीण क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरों की दवाइयों से मरीजों में होने संक्रमण के मामले भी पूर्व में सामने आ चुके हैं कई लोगो की जान भी जा चुकि है
इनका कहना है
झोलाछाप डाक्टरों के मामले जिन्हे उनसे समस्या हो वे मुझे व्हाट्सप पर लिखकर शिकायत भेजे या कलेक्टर के पास जाकर शिकायत करे तब जांच करेंगे झोलाछाप डाक्टरों पर कार्यवाही करने के चककर मे विभाग के अन्य कार्य पेंडिंग होते है
डॉ. रविकांत उइके, सीएमएचओ, बैतूल

Satish Naik

Editor in Chief

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