(दिलीप चौकीकर संवाददाता आमला)
आमला ।लगातार आमला सहित ग्रामीण अंचलो मे झोलाछाप डाक्टरों के गलत इलाज करने के कई मामले सामने आए है लोगो की जान भी गलत इलाज से गई है जम्बाड़ा मे पिछले 10 दिनों पहले एक मरीज की झोलाछाप डाक्टर की क्लिनिक मे एक कि हुई मृत्यु और शहर मे भी कई मोत् हो गई है चुकी है लेकिन फिर भी झोलाछाप बेखौफ लोगो का इलाज कर उनकी जान से खिलवाड़ कर रहे है ऐसे मे सवाल यह उठता है की झोलाछाप डाक्टरों को कोंन् सह दे रहा है आमला सिविल अस्पताल के बीएमओ अशोक नरवरे द्वारा वर्षो से झोलाछापो को संरक्षन दिया जा रहा है जो झोलाछाप एंगल मे नही आते उन पर कार्यवाही की जाती है और जो नतमस्तक होकर आज्ञा का पालन करते उन्हे प्रेक्टिस करने की छुट दी जाती इस्का प्रत्यक्ष उदाहरण आमला शहर मे खुलेआम चलने वाले झोलाछापो के क्लिनिक है जहा बेरोकटोक मरीजों का इलाज रोजाना देखा जा सकता है लेकिन बीएमओ नरवरे द्वारा कोई कारवाई नही करना इस बात का प्रमाण है की झोलाछाप से बीएमओ की मिलीभगत है ।बीएमओ नरवरे की मनमानी से स्टॉफ के लोग भी परेशान है क्योकि अगर कोई अस्पताल की गड़बड़ियों और धांधलियों की चर्चा भी करे तो उसकी ड्यूटी बदल कर नरवरे अपने मनमुताबिक लगाके परेशान करता है और अपने चहेतो को उनके मनमुताबिक रखता है
सी एम एच ओ कौ भी पुरी तरह कान भर दिये जाते है ताकी सी एम एच ओ को भी लगता है बी एम ओ बहुत ईमांदार है
मुख्यालय नगर व इससे लगे ग्रामीण क्षेत्रों में सक्रिय झोलाछाप डॉक्टर पर कार्रवाई सीमित नजर आ रही है। पिछले वर्ष सील किए गए झोलाछाप क्लीनिक दोबारा खुल गए हैं। उल्लेख है कि नगर में विगत दिनों बीएमओ डॉक्टर अशोक नरवरे व पुर्व टी आई संतोष पंद्रे एवं एस आई हेमंत पांडे के नेतृत्व में टीम गठित कर झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्यवाही की गई थी वही खेड़ली बाजार के झोलाछाप डाक्टर मिथुन बड़िये, मंडल डाक्टर् , आमला सुनील पुंडे, अजय मित्रा ,आमला डा ऋषि घई आमला के क्लिनिक पूर्व मे सील किये गये थे और ग्राम आवरिया खापा व कुछ ग्रामो मे मरीजों का इलाज करने वाले फर्जी डाक्टरों पर भी प्रकरण दर्ज कर दवाई जप्त की गई थी।दोबारा क्लीनिक खुलने पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। लोगों का कहना है कि जब प्रशासन द्वारा क्लीनिकों को सील किया गया था तो आखिर किसके आदेश पर क्लीनिक दोबारा खुलवा दिए गए।
मिथुन और मंडल का बोल बाला
विकास खंड के ग्राम खेड़ली बाजार में अपने आप को डाक्टर बताने वाले मिथुन बड़ीये और मंडल डाक्टर का बोल बाला चल रहा है। इसकी धोस इतनी है की बीएमओ द्वारा इनपर कार्यवाही करने और मामला न्यायालय में विचाराधीन होने के बाद भी यह प्रेक्टिस करने के बाज नहीं आ रहे है और बारिश में फैली बिमारी का फायदा उठा कर चांदी काट रहे है लेकिन मजाल है की इन पर फिर कोई कार्यवाही कर दे ।
न्यायालय मे है मामला
ब्लाक मे जिन झोलाछाप डाक्टरों की क्लिनिक पर बीएमओ और पुलिस द्वारा कारवाई की गई है उनके प्रकरणो के मामले न्यायालय मे चल रहे है ऐसे मे जब तक न्यायालय से झोलाछाप डाक्टरों को राहत नही मिलती है तब तक वे क्लिनिक संचालन और उपचार नही कर सकते है और न न्यायालय तहसीदार एस डी एम से उन्होंने क्लिनिक खोलने के आदेश हुए है फिर भी खेड़लीबाजार आमला बोरदेही अन्य ग्रामो मे झोलाछाप खुलेआम मरीजों को उपचार कर रहे ।
स्वास्थ विभाग पर संरक्षण के आरोप
झोलाछाप डाक्टरों द्वारा मरीजों की जान से खिलवाड़ किये जाने के मामले मे नागरिक स्वास्थ विभाग की मिलीभगत के आरोप लगा रहे है नागरिकों का कहना है की नगर मे कुछ पर तो औपचारिक क्लिनिक सील की कार्रवाई की लेकिन कुछ पर एफ आई आर दर्ज ही नही करवाई गई जबकि ऐसे फर्जी डाक्टरों पर गलत इलाज की शिकायते भी हुई वही विभाग के आला अधिकारी महज औपचारिक कारवाई कर रहे है।
शिकायत के बाद भी नही हुई कार्यवाही
एक मामला और है जिसमे खेड़लीबाजार के झोलाछाप डाक्टर मिथुन बड़िये पर एक व्यक्ति के पेर का गलत इलाज से नुकसान होने पर कारवाई के लिए पुलिस और बीएमओ को लिखित शिकायत की गई थी और मामले को महीने हो गये लेकिन आज तक बीएमओ अशोक नरवरे ने कोई कारवाई नही की वही मामले की सूचना के अधिकार के तहत एक नागरिक ने जानकारी मांगी तो जानकारी भी नही दी गई जिससे प्रतीत होता है की स्वास्थ विभाग के अधिकारी से झोलाछापो के साथ साठ गांठ है जिससे पूरे ब्लाक मे बेरोकटक फर्जी डाक्टर मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे है ।
अब देखना होगां नींद से कब तक जागते है पा कुम्भ करन कि नींद मे सोते है