क्लीनिक सिल होने के बाद फिर खुल जाता है , एसडीएम ने जारी किए कार्यवाही के आदेश 

(दिलीप चौकीकर संवाददाता आमला)

आमला ।। स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर अवैध प्रेक्टिस्नर झोलाछाप डॉक्टरों को लेकर जनता का शक अब और गहरा होते जा रहा है । जिसका मुख्य कारण है की कुछ वर्ष पूर्व शहर के क्लीनिक को सिल कर दिया गया था है वही क्लीनिक कुछ समय बाद पुनः खुल गया और खुला भी ऐसे की आज तक फिर न उस क्लीनिक की जांच हुई और न ही कोई उस क्लीनिक को बंद करने की हिमाकत कर सका ज्ञात हो की पूर्व बीएमओ द्वारा इस क्लीनिक को सिल करने की कार्यवाही की गई थी लेकिन फिर वह क्लीनिक बदस्तूर जारी है। झोलाछाप डॉक्टरों के गलत इलाज से मौत होना या मरीज की हालत बिगड़ना एवं शहर का अंग खराब होने की शिकायत आती ही है । जिले के अखबार में प्रकाशित खबर के अनुसार जिला मुख्यालय पर एक तथाकथित इलेक्ट्रोहोम्यो के इंजेक्शन से चिचोली के एक मासूम की मौत की खबर चर्चा में थी और यह भी तब हुआ जबकि सीएम मोहन ने झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्यवाही करने के शख्त आदेश जारी कर दिए है। आमला विकास खंड में लगभग एक सैकड़ा से अधिक झोलाछाप डाक्टर अवैध रूप से प्रेक्टिस कर रहे हैं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को भी इसकी पूरी जानकारी है लेकिन उसके बाद भी कार्यवाही के लिए उनकी कलम नही उठ पा रही है।

झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ सख्त हुए एसडीएम 

 

 

 झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ लगातार खबरे प्रकाशित करने के बाद अब अनुविभागीय अधिकारी राजस्व आमला शैलेंद्र बड़ोनिया ने मामले में संज्ञान लिया है और स्वास्थ्य विभाग को आदेशित करते हुए कहा है की क्षेत्र में जितने भी अवैध प्रेक्टिस कर रहे झोलाछाप डाक्टर है उनके खिलाफ कार्यवाही करना शुरू करें गौरतलब होगा की कुछ माह पूर्व ही एक बिना डिग्री के प्रेक्टिस कर रहे झोलाछाप डॉक्टर के द्वारा गलत इलाज से एक व्यक्ति की हालत खराब हो गई थी जिसके बाद अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा उक्त क्लीनिक को सिल कर एफआईआर करवाई गई थी लेकिन उसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग की नींद नहीं खुली थी सीएम के आदेश के बाद भी नहीं जागे बीएमओ अब देखते है अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के दिए आदेश का कितना और कब से पालन करते है।

Satish Naik

Editor in Chief

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