(दिलीप चौकीकर संवाददाता आमला)
आमला। नगर के ब्राह्मण महिला समाज के तत्वाधान में सावन तीज का कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसके अंतर्गत गीत संगीत कार्यक्रम के साथ साथ हल्दी कुमकुम , और सभी के संयोजन से वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया
नगर के वार्ड क्रमांक 8 मे दुर्गा मंदिर परिसर मे बेल आवला बरगद व अन्य प्रजातियों के पौधे लगाए गये
जिसमे सभी महिलाओं ने बढ़ चढ़कर भागीदारी निभाई। महिलाओ ने अपने उद्बोधन में वृक्षारोपण का महत्व समझाया गया। एक पौधा अपनी माँ के नाम योजना के तहत वृक्षों का महत्व विषय पर चर्चा की गयी। समाज की प्रतिष्टित महिलाओं का सम्मान भी किया गया कार्यक्रम मे महिलाओ ने बताया कि पेड़-पौधे प्रकृति के अटूट भाग होते हैं। पेड़ के बिना प्रकृति की कल्पना संभव नहीं है। देखा जाए तो बरगद पेड़ अधिक ऑक्सीजन उत्सर्जित करती है। हिदू धर्म में पेड़ों को पूजने की परंपरा है। इस श्रेणी में बेल आंवला
बरगद पेड़ का अहम स्थान है। इस पेड़ से धार्मिक और पौराणिक आस्थाएं जुड़ी हुई है। बरगद पेड़ का आयुर्वेद विज्ञान में अहम महत्व है। इस पेड की जड़, छाल, पत्ती, लकड़ी और फल कई प्रकार के बीमारी दूर करने में सहायक होते हैं। सनातन धर्म में वट वृक्ष को पूजनीय पेड़ माना गया है। इस पेड़ की कई त्योहार सहित वट सावित्री पर्व के दिन विशेष रूप से की जाती है।अन्य महिलाओ ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र में बरगद के पेड़ को मघा नक्षत्र का प्रतीक माना जाता है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातकों को अपने घर में बरगद का पेड़ लगाना अनिवार्य माना गया है ब्राह्मण समाज् की महिलाओ ने पौधरोपण पर अपने अपने विचार रखके कार्यक्रम के अंत मे आभार प्रकट किया ।